बुद्ध के बाद लिखी गयी है रामायण और महाभारत -देवदत्त पटनायक.
देवलोक विथ देवदत्त पटनायक (सीजन 1)जो एपिक चैनल पर आता है के एपिसोड 1 के अनुसार
देवदत्त पटनायक के अनुसार बुद्ध 2500 साल पहले रहे है और रामायण को करीब 2000 साल पहले लिखा गया है भगवत गीता को करीब 1000 साल पहले,शिव पुराण को करीब 1500 साल पहले लिखा गया है गीत गोविन्द करीब 800 साल पहले लिखा गया है
देवदत्त पटनायक के अनुसार बुद्ध के बाद लोग बहुत अधिक मात्रा में बौद्ध भिक्षु बनने लगे थे और लोग वैरागी होने लगे थे जिस को रोकने के लिए रामायण की रचन की गयी थी ,रामायण का मुख्य उद्देश्य था लोगो को गृहस्त जीवन के प्रति आकर्षित करना था
उन्होंने इस एपिसोड में स्पष्ट किया की वैदिक ग्रंथो की रचना बुद्ध के बाद की है और इन को अलग अलग उद्देश्य के लिए लिखा गया है
रामायण के विकास करीब 500 सालो में हुआ है मौर्या काल 2300 साल पहले से लेकर लेकर गुप्त साम्राज्य के समय में 1700 साल पहले तक
रामायण के 300 से अधिक संस्करण रहे है जैसे अध्यात्म रामायण,योग-वासिष्ठ रामायण ,अगस्त्य रामायण आदि इस के अलावा रामायण के अलग अलग भाषा में भी पाई जाती है जैसे तेलगु पंजाबी मराठी पंजाबी कन्नडआदि
इस के अलावा बौद्ध ग्रथों में भी एक रामायण पाई गयी है जिसे ‘दसरथ जातक ‘ कहा गया है जिस में राम अपने पिता द्वारा निर्वासन में भेज दिया जाता है ताकि महत्वाकांक्षी सौतेली माँ से बचाया जा सके
जैन ग्रन्थ में राम और सभी पत्रों के इंसान बताया गया है केवल रावण को अलौकिक बताया गया है जो हवा में उड़ सकता था पउमचरियम (Paumachariyam) यह नाम है जैन रामायण का अपभ्रंश (विमलसूरि कृत)
इसके अलावा भी कई देशों में रामायण पाई जाती है जैसे कंबोडिया की रामकर रामायण ,तिब्बती रामायण,पूर्वी तुर्किस्तान की खोतानीरामायण,इंडोनेशिया की ककबिनरामायण,बर्मा (म्यांम्मार) की यूतोकी रामयागन,थाईलैंड की रामकियेन आदि
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