कौन है वह!
मजबूत कंधोपर वो हलका सर लिए घूमता है।
चेहरा फीका लेकिन तेज दिमाग लिए घूमता है।
दर्द अपना बाजू रखकर अपनोंकी खुशियाँ चूमता है।
आंखोमें नमी और चेहरे पे मुस्कान लिए घूमता है।
माँका लाडला बनके उसके कदम चूमता है।
जोरू का गुलाम बनकर आगे पीछे घूमता है।
पिसता है दाने बनकर चक्की के, हररोज पत्थर चूमता है।
जिंदगीभर बीवी के ताने और माँ के माने सुनता घूमता है।
दिल की बेचैनी दिखानेवाली आँखे छुपाये घूमता है।
दिनभरकी थकान भुलाने के लिए बच्चोंके कदम चूमता है।
हुआ क्या है यह किसीको कहे बिना घूमता है।
दिल का दर्द छुपाकर घुटन चूमता है।
ढलती शाम के साथ ढल जाना भूलकर घूमता है।
रात को करवट बदलकर बिस्तर चूमता है।
कंधोपर सर रखकर रोना भूलकर घूमता है।
माँ की तरह जो कभी सहेला ना सके वो गोद चूमता है।
आज तुम आराम करो ऐसे कहनेवाला ढूंढते घूमता है।
थोड़ीसी खुशियाँ पाने के चक्कर मे कभी कभी गलत राह चूमता है।
दिखता है हमेशा उलझा हुआ ना जाने किसके तलाश में घुमता है।
ना जाने कब, कहाँ और किसे चूमता है।
शायद वो सुकून की तलाश में घूमता है।
©के . राहुल, 9096242452
Comments
Post a Comment